राष्ट्रपति का बेटा हो या हो मजदूर किसान की संतान सबकी शिक्षा एक समान

Saturday, April 27, 2019

समान शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और सभी के लिए रोजगार के लिए जन संवाद.

साथियों जन संवाद के द्वारा आम जन से समान शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और सभी के लिए रोजगार के लिए एक संवाद करने के लिए. ये संवाद इसलिए भी जरुरी है क्योंकि कही ये चुनाव भी मंदिर मज्जिद और नेता लोगों के अपनी अपनी शेखी और दूसरों की बुराई बताने में ही नहीं बीत जाए और हम लोग आपस में एक न होने के कारण फिर पांच साल के लिए सरकार को कोसते रहे. इसलिए इस जन संवाद के जरिये हम लोगों के सामने ये बात रखना चाहते है कि इस बार का चुनाव में हम सभी अपना मत समान शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और सभी के लिए रोजगार के लिए देंगे हम सवाल से पहले चुनाव लड़ने वालों से सवाल करेंगे और चुनाव के बाद जो भी सरकार बने हम उससे लगातार सवाल जवाब करते रहेंगे. काम थोडा मुश्किल है पर नामुम्म्किन तो बिलकुल भी नहीं. साथियों हम एक बार फिर अपनी एकता के बल पर जीतेंगे.











Friday, February 22, 2019

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अधिकार के लिए जन संवाद यात्रा


प्रिय साथी

अभिवादन

आगामी लोकसभा चुनावो के मद्देनजर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार (आजीविका) के अधिकार के लिए एक जन संवाद यात्रा का आयोजन 26 फरवरी से 1 मार्च तक किया जा रहा है. 26 फरवरी (मंगलवार) सुबह 10 बजे राजातालाब वाराणसी से बाइक द्वारा यह यात्रा प्रारंभ होगी और जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर होते हुए वापस वाराणसी 1 मार्च को पहुंचेगी. 12 बजे जिला मुख्यालय पर इन्ही मांगो लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा. यात्रा के दौरान प्रत्येक चट्टी चौराहों पर परचे में लिखित मुद्दों पर जन संवाद, परचा वितरण, पोस्टर लगाना, हस्ताक्षर आदि गतिविधियाँ की जायेंगी, मुख्य मुख्य पड़ावों पर नुक्कड़ सभा, बैठक आदि होगी जिससे अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सके. हमारा लक्ष्य 15 से 20 हजार लोगों तक पहुंचने का है. आपसे निवेदन है कि जन संवाद यात्रा में सहभागिता करें, अपने अन्य साथियों को भी सुझाव दें, अगर कोई साथी यात्रा में चलना चाहें या बीच में शामिल होना चाहें तो साथी दीन दयाल और सुरेश को अवगत करा दें. आप या आपके साथी विभिन्न पडाव या रास्ते में कोई कार्यक्रम करा सकें तो बहुत बेहतर होगा. (सामानों के लिए एक चार पहिया वाहन (बोलेरो) साथ रहेगी).

यात्रा के पडाव निम्न होंगे 26 फरवरी (मंगलवार): 
प्रारंभ दिन 10 बजे राजातालाब से 
दोपहर : जौनपुर
शाम : शाहगंज 
रात्रि विश्राम : पवई बेलवई (आजमगढ़) 

27 फरवरी (बुधवार) :
दोपहर : आजमगढ 
शाम : मऊ 
रात्रि विश्राम : हलधर पुर (मऊ) 

28 फरवरी (वृहस्पतिवार) :
दोपहर : मरदह 
शाम: सादात, सिधौना 
रात्रि विश्राम : कैथी (वाराणसी)

1 मार्च (शुक्रवार) 11 बजे शास्त्री घाट (कचहरी) पर एकत्र होकर जुलूस के रूप में जिला मुख्यालय पहुंच कर ज्ञापन 

यात्रा के लिए सम्पर्क व्यक्ति: दीन दयाल सिंह: 9415725428 सुरेश राठौर: 9839017693 अरविन्द मूर्ति: 9839855032, महेंद्र कुमार 9936473073 

सहयोग और सुझाव की अपेक्षा में ... 
वल्लभ 9415256848

हुंकार रैली जिंदाबाद

भारत के संसद मार्ग पर देशभर के लोगों ने भरी समान शिक्षा के लिए हुंकार.


नई दिल्ली में अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच के आवाहन पर पूरे देश भर के जन संगठनों, जन अभियान, छात्र संगठन, शिक्षक संगठन आदि तमाम संगठनों  ने 18 फरवरी को संसद मार्ग पर की समान शिक्षा की मांग और साथ ही शिक्षा के बाजारीकरण, निजीकरण एवं भगवाकरण का किया विरोध. संसद मार्ग से आंबेडकर भवन तक मार्च निकला गया जिसको देखकर लग रहा था कि समान शिक्षा की मांग का दिवास्वपन एक दिन जरुर पूरा होगा. अम्बेडकर भवन में जन संसद का आयोजन किया गया, जिसमे संगठनों ने अपनी-अपनी बात रखी. एक देश समान शिक्षा अभियान और समान शिक्षा आन्दोलन, उत्तर प्रदेश ने भी हुंकार रैली में भागीदारी की. 




 

Sunday, January 20, 2019

देशहित में शिक्षा का निजीकरण बंद किया जाये और इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायधीश जस्टिस सुधीर अग्रवाल के 18 अगस्त 2015 का फैसला पूरे देश में लागू किया जाये.

एक देश सामान शिक्षा अभियान एवं आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में को सभी के लिए समान शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए जन संवाद का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मेहंदीगंज प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के साथ संवाद स्थापित कर देश में सभी के सामान शिक्षा के अवसर की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के प्रति बच्चों की ओर से मांग उठाने की अपील की गयी. इस दौरान पोस्टर प्रदर्शनी लगायी गयी जिसमे विभिन्न चित्रों, स्लोगन, कविताओं और नारों के माध्यम से सभी के लिए समान एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के अवसर की उपलब्धता की आवश्यकता को दर्शाया गया था.

संवाद के मुख बिंदु निम्न रहे

1. माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल के आदेश दिनांक 18 अगस्त 2015 जिसमे कहा गया है कि "सरकारी खजाने से पैसा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति अपने बच्चे को सरकारी विद्यालय में ही पढ़ाएंगे" का अनुपालन कैसे करवाया जाए ?

2. अपने आस-पड़ोस के सरकारी / परिषदीय विद्यालयों को बचाने एवं उसकी गुणवक्ता बेहतर बनाने के लिए विद्यालय में अपनी और समाज की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए की नहीं ?

3. देश के हर बच्चों को अच्छी शिक्षा मुफ्त में मिलना चाहिए अथवा नहीं ?

4. देश में शिक्षा को रोजगारपरक होना चाहिए या नहीं, जो बच्चा पढाई पूरी कर ले उसके लिए रोजगार होना चाहिए या नहीं ?
   

अभियान के संयोजक दीनदयाल सिंह के कहा कि शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण के कारण आज समाज का एक बड़ा हिस्सा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहा है, कोई स्पष्ट नीति न होने के कारण सरकारी विद्यालयों की स्थिति क्रमशः दयनीय होती जा रही है. देश में जब कॉमन एजुकेशन सिस्टम ही लागू नहीं है तो फिर किसी भी कोर्स के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम कैसे लिया जाता है, इस तरह की भेदभाव की निति को तुरंत बंद करके पूरे देश में समान शिक्षा लागू की जाये और देश के हर बच्चे को पढने के समान अवसर सुनिश्चित किया जाये.

मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने कहा कि सरकारी स्कूलों को प्रायः बदहाल स्थिति में छोड़ दिया गया है यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नवोदय विद्यालयों और केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए अभिभावक उत्सुकता दिखाते हैं उसी प्रकार सरकारी प्राथमिक स्कूलों की भी गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार होने पर बच्चों के प्रवेश के लिए लोगों का झुकाव होगा.उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पूंजीपतियों के दबाब में शिक्षा को ब्यापार बनाने पर उतारू है,जबकि प्राचीन काल से ही शिक्षा को सेवा का कार्य माना जाता है ।
    अभियान के प्रमुख साथी महेंद्र कुमार ने विद्यालय के अध्यापकों से अनुरोध किया कि अध्यापक लोग भी अपने बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में ही भेजे व अपने शिक्षक साथियों पर विश्वाश करें। क्योंकि परिषदीय विद्यालय के अध्यापक प्रशिक्षित है जबकि प्राइवेट विद्यालय के अध्यापक बमुश्किल स्नातकोत्तर पास होते है।

अभियान की तरफ से जारी पोस्टरों एवं हस्ताक्षर अभियान के द्वारा मांग की गयी कि माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 18 अगस्त 2015 का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय  और इसे देश के स्तर तक लागू किया जाय. शिक्षा का बजट बढाया जाय. परिषदीय/सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर के संसाधन उपलब्ध कराये जांय. सभी सांसद एवं विधायक अपनी निधि से अनिवार्य रूप से कम से कम 30 प्रतिशत धनराशि अपने क्षेत्र के परिषदीय/सरकारी विद्यालयों के संसाधन को उच्च स्तरीय बनाने में व्यय करें. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर की जाय, शिक्षकों से किसी भी प्रकार का गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाय तथा प्रत्येक सरकारी विद्यालय पर अनिवार्य रूप से लिपिक, परिचारक, चौकीदार और सफाई कर्मी की नियुक्ति हो और सभी के लिए समान शिक्षा की नीति  पूरे देश में व्यवहारिकरूप से लागू हो. कार्यक्रम में मुख्य रूप से योगिराज पटेल, महेंद्र, सुरेश, दीन दयाल, रेनू, ओमप्रकाश पटेल,श्यामलाल वर्मा,संतोष गुप्ता,ऋतुपर्ण,श्यामा,नीना जायसवाल आदि लोग मुख्य रूप से शामिल रहे।

जन संवाद कार्यक्रम की रूपरेखा

17-1-19

सुबह 11 बजे गंगापुर इंटर कालेज

1 बजे से 3 बजे भैरवनाथ इंटर कॉलेज

4 बजे से 5:30 चंदापुर बाजार

18-1 -19

सुबह 11 बजे पूर्व माध्यमिक विद्यालय, पयागपुर

4 बजे से 5:30 तक बेनीपुर बाजार

19-1-19

सुबह 11 बजे से पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरसोस

1 बजे से 3 बजे तक मेहदीगंज प्राथमिक विद्यालय

4 बजे से 5:30 तक कोरौता बाजार में

तीन दिन के जन-संवाद कार्यक्रम के मार्फ़त अभियान ने पांच स्कूलों के लगभग 3000 बच्चों के बीच सीधे अपनी बातों को रखा तथा तीन बाज़ार में करीब 2000 लोगों तक अपनी बात को पहुँचाया.

पहले दिन के जन संवाद की कुछ तस्वीरें









समान शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और सभी के लिए रोजगार के लिए जन संवाद.

साथियों जन संवाद के द्वारा आम जन से समान शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और सभी के लिए रोजगार के लिए एक संवाद करने के लिए. ये संवाद इसलिए भी जरुरी ...