एक देश समान शिक्षा अभियान (One Nation Equal Education Campaign) द्वारा मिर्जामुराद बाजार में सभी के लिए समान शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए ‘पोस्टर प्रदर्शनी’ और हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया. पोस्टर प्रदर्शनी में विभिन्न चित्रों, स्लोगन, कविताओं और नारों के माध्यम से सभी के लिए समान एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के अवसर की उपलब्धता की आवश्यकता को दर्शाया गया था.
इस अवसर पर अभियान के साथी राजकुमार पटेल के कहा कि शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण के कारण आज समाज का एक बड़ा हिस्सा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहा है, कोई स्पष्ट नीति न होने के कारण सरकारी विद्यालयों की स्थिति क्रमशः दयनीय होती जा रही है. सरकारी स्कूलों को प्रायः बदहाल स्थिति में छोड़ दिया गया है यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.
युवा किसान नेता योगिराज पटेल ने कहा कि जिस प्रकार नवोदय विद्यालयों और केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए अभिभावक उत्सुकता दिखाते हैं उसी प्रकार सरकारी प्राथमिक स्कूलों की भी गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार होने पर बच्चों के प्रवेश के लिए लोगों का झुकाव होगा. सरकारी स्कूलों में उच्च स्तरीय संसाधन की व्यवस्था की जानी चाहिए.
अभियान की तरफ से जारी पोस्टरों एवं हस्ताक्षर अभियान के द्वारा मांग की गयी कि माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 18 अगस्त 2015 का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय और इसे देश के स्तर तक लागू किया जाय. शिक्षा का बजट बढाया जाय. परिषदीय/सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर के संसाधन उपलब्ध कराये जांय.सभी सांसद एवं विधायक अपनी निधि से अनिवार्य रूप से कम से कम 30 प्रतिशत धनराशि अपने क्षेत्र के परिषदीय/सरकारी विद्यालयों के संसाधन को उच्च स्तरीय बनाने में व्यय करें. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर की जाय, शिक्षकों से किसी भी प्रकार का गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाय तथा प्रत्येक सरकारी विद्यालय पर अनिवार्य रूप से लिपिक, परिचारक, चौकीदार और सफाई कर्मी की नियुक्ति हो और सभी के लिए समान शिक्षा की नीति पूरे देश में व्यवहारिक रूप से लागू की जाय
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